केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, श्री राजीव चंद्रशेखर ने आज कहा कि व्यापार करने में आसानी पर श्री नरेन्द्र मोदी सरकार की नीतियों ने नए भारत के विनिर्माण और स्टार्टअप इकोसिस्टम तैयार करने में सहायता की है और वैश्विक कंपनियों को यहां कार्यालय खोलने के लिए प्रोत्साहित किया है। इससे भारतीय युवाओं के लिए नौकरियों और उद्यमशीलता के अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, श्री राजीव चंद्रशेखर ने सेल्सफोर्स के हैदराबाद में और ट्रूकॉलर के बेंगलुरु में अपने-अपने कार्यालय खोलने के कदम का स्वागत किया। श्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा, “इससे दुनिया के लिए एक विश्वसनीय प्रौद्योगिकी भागीदार के रूप में भारत के विकास के बारे में पता चलता है। यह सब सरकार की सक्रिय नीतियों और हमारे वाइब्रेंट स्टार्टअप और इनोवेशन इकोसिस्टम के कारण ही संभव हो सका है। इसके लिए हम सरकार को धन्यवाद देते हैं।” श्री राजीव चंद्रशेखर ने नई दिल्ली से इन वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों के कार्यालयों के उद्घाटन समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए यह बात कही।
प्रौद्योगिकी के उपयोग में प्रमुख राष्ट्र के रूप में भारत के उदय के बारे में श्री राजीव चंद्रशेखर ने बात की। राज्य मंत्री महोदय ने कहा, “लंबे समय तक भारत को दुनिया के लिए एक बैक ऑफिस के रूप में जाना जाता था, हमारी डिजिटल अर्थव्यवस्था सूचना प्रौद्योगिकी/आईटीईएस क्षेत्र में कंपनियों की संख्या की उपस्थिति से परिभाषित होती थी। वर्ष 2014 में श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद, उन्होंने डिजिटल अर्थव्यवस्था को भारत की विकास गाथा में एक बड़ी और अधिक विस्तृत भूमिका निभाने और उभरते हुए भारत के सकल घरेलू उत्पाद का एक बड़ा हिस्सा बनने की परिकल्पना की थी।”
उन्होंने कहा, “वर्ष 2015 में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के शुभारंभ के साथ, एक एकल आयामी, डिजिटल अर्थव्यवस्था जो हमें 2014 में विरासत में मिली थी, एक व्यापक-आधार वाली और उच्च विकास दर वाली डिजिटल अर्थव्यवस्था बन गई है जिसमें कई अतुल्यकालिक घटक हैं जो तेजी से बढ़ रहे हैं और देश में नवाचार पैदा कर रहे हैं।”
श्री राजीव चंद्रशेखर ने सेल्सफोर्स के कार्यक्रम में कहा कि भारत में वैश्विक प्रमुख की सक्रिय उपस्थिति से बड़ी संख्या में नौकरियां और अवसर पैदा होने की आशा है और यह भारत के टैकेड बनने की कहानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
श्री राजीव चंद्रशेखर ने आगे कहा कि भारत ने आज इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में अपनी छाप छोड़ी है और यह एक उत्पादन शक्ति के रूप में उभर रहा है और विश्व स्तर के स्टार्टअप और नवाचार इकोसिस्टम होने का दावा करता है, जो दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है।
मंत्री महोदय ने उद्योग प्रासंगिक भविष्य के लिए तैयार कौशल में एक कुशल कार्यबल बनाने के लिए सरकार के प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी। केंद्रीय बजट 2023 में घोषित नई कौशल पहल के बारे में जानकारी साझा करते हुए, श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना-पीएमकेवीवाई 4.0 एक ऐसी योजना है जिसे कोविड के बाद के अवसरों और चुनौतियों से निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसमें कोडिंग, आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस-एआई, रोबोटिक्स, मेक्ट्रोनिक्स, आईओटी, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और सॉफ्ट स्किल्स जैसे उद्योग 4.0 पर नए युग के पाठ्यक्रम शामिल होंगे।”
भारत को दुनिया के लिए प्रतिभा का विशाल और शक्तिशाली केंद्र बनाने की प्रधानमंत्री की परिकल्पना का जिक्र करते हुए मंत्री महोदय ने कहा, “देश में कौशल और प्रतिभा के विकास के लिए उद्योग, शिक्षा और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के साथ सह-साझेदारी में एक रूप रेखा विकसित की जा रही है।” उन्होंने हाल ही में जारी फ्यूचर स्किल्स रिपोर्ट का उदाहरण दिया, जिसका उद्देश्य उद्योग की नवीनतम आवश्यकताओं के अनुसार अगले चार वर्षों में 85,000 सेमीकंडक्टर इंजीनियरों, डिजाइनरों और अन्य सहायक प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करना है।
ट्रूकॉलर के स्वीडन स्थित मुख्यालय के बाहर इसके कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर, श्री चंद्रशेखर ने उचित व्यवस्था के साथ अव्यवस्था को नियंत्रित करते हुए प्रौद्योगिकी की अच्छाई का समर्थन करने की आवश्यकता के बारे में बात की।
मंत्री महोदय ने कहा, “हम नए कानून और नए नियमों को डिजाइन और तैयार कर रहे हैं जो आने वाले दशक के लिए भारत के नवाचार इकोसिस्टम के लिए सुरक्षा कवच, सक्षम और उत्प्रेरक प्रदान करेंगे।”