सीएसआईआर-आईएचबीटी में 9वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान उत्सव कर्टेन रेज़र का आयोजन

पालमपुर
सीएसआईआर-हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर में नवें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ2023) समारोह का आयोजन किया गया। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव जिज्ञासा को प्रेरित करने एवं “समृद्ध भारत की उन्नति के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवोन्‍मेषण में रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है”।
उल्लेखनीय है कि 9वें आईआईएसएफ2023 का आयोजन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा विज्ञान भारती के सहयोग से17-20 जनवरी 2024 तक फरीदाबाद में किया जा रहा है तथा वर्तमान संस्करण का विषय “अमृतकाल में विज्ञान और प्रौद्योगिकी सार्वजनिक लोक संपर्क” है।
समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. शशी कुमार धीमान कुलपति हिमाचल प्रदेशत कनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर ने आईआईएसएफ2023 की भूमिका एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए अपने संभाषण में बताया कि भारत के इस अमृतकाल में नई शिक्षा नीति में विज्ञान व प्रौद्योगिकी को व्‍यापक स्‍तर पर रखा गया है, जो आत्‍मनिर्भर भारत की राह प्रशस्‍त करेगा। उन्होने छात्रों को मातृभाषा में व्‍यवहारिक ज्ञान देने की आवश्‍यकता पर बल दिया ताकि विज्ञान को सरलता से समझा जा सके। साथ ही साथ उन्‍होंने विज्ञान को आम जन के साथ जोड़कर एवं वैज्ञानिक दृष्‍टिकोण को बढ़ावा देने की आवश्‍यकता पर भी बल दिया।उन्‍होंने अनेक उदाहरणों के साथ छात्रों को विज्ञान के प्रति प्रेरित किया।
संस्थान के निदेशक डा. सुदेश कुमार यादव ने अपने स्वागत संबोधन में संस्थान की शोध एवं विकास उपलब्धियों के बारे में बताया। उन्होने सामाजिक, औद्योगिक और पर्यावरणीय लाभों के लिए हिमालयी जैव संसाधनों के संपोषणीय उपयोग के माध्यम से जैव-आर्थिकी को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकियों को विकसित करने पर संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होने लोकप्रिय विज्ञान प्रसार हेतु संस्थान की विभिन्न परियोजनाओं एवं कार्यकर्मों के बारे में भी विस्तार से बताया।
समारोह में डॉ. अश्विनी राणा, अध्यक्ष, विज्ञान भारती , हिमाचल प्रदेश अध्याय और एसोसिएट प्रोफेसर, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हमीरपुर, हि.प्र. भी उपस्‍थित रहे।
इस अवसर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यिमिक पाठशाला, कछियारी तथा न्यूगल पब्लिक स्कूल, भवारना के लगभग 100 छात्रों एवं उनके अध्यापकों ने संस्थान की गतिविधियों को जाना।

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