पूर्व मुख्यमंत्री ने की शानन पावर हॉउस हिमाचल को सौंपने की पैरवी
पालमपुर-18 अप्रैल, 2025
पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि पूरे भारत में किसी प्रदेश में कहीं पर इतना भयंकर अन्याय नही हो रहा है जितना पिछले लगभग 60 साल से हिमाचल प्रदेश के साथ हो रहा है। हिमाचल की धरती पर हिमाचल के पानी से शानन बिजली घर में बिजली पैदा हो रही है परन्तु उस पर मलकीयत पंजाब की है।
उन्होंने कहा कि 1966 में भारत सरकार ने पंजाब पुर्नगठन अधिनियम पास किया।पंजाब का बटवारा हुआ और नया हिमाचल प्रदेश बना। लोकसभा द्वारा पास किये गये उस कानून की एक धारा में यह स्पष्ट निर्देष था-”इस कानून के बनने के बाद सांझे पंजाब की जो सम्पत्ति जिस नये प्रदेश में स्थित होगी उसकी मलकीयत उसी प्रदेश की होगी। “पुर्नगठन के बाद पूरा मण्डी जिला और जोगिन्दरनगर हिमाचल प्रदेश का हिस्सा बना। शानन बिजली घर सांझे पंजाब की सम्पत्ति थी और पुर्नगठन के बाद वो नये हिमाचल प्रदेश में स्थित थी। इसलिए 1966 से ही शानन बिजली घर हिमाचल प्रदेश को मिल जाना चाहिए था परन्तु उस समय पंजाब सरकार ने केन्द्र सरकार से मिल कर शानन बिजली घर को पंजाब में मिला लिया।

शांता कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने पर मैंने इस सम्बंध में केन्द्र सरकार से इस कानून का हवाला देकर शानन परियोजना को लेने की कोशिश की थी परन्तु छोटे से हिमाचल की बात कभी कहीं सुनी नही गई। 1977 में मेरे आग्रह पर प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई जी ने पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमन्त्रियों की बैठक बुलाई। मैंने जब पुर्नगठन की धारा सबके सामने रखी तो प्रकाश सिंह बादल और चौधरी देवी लाल के पास उसका कोई उत्तर नही था। प्रधानमंत्री महोदय ने भी हिमाचल के दावे को स्वीकार किया और बाद में भारत सरकार ने सुब्रमण्यम कमेटी बनाई। उस कमेटी ने भी हिमाचल के दावे को स्वीकार किया। हमारी सरकार नही रही और मामला वहीं ठप हो गया।
उन्होंने कहा यह एक दुर्भाग्यपूर्ण और कड़वी सच्चाई है कि छोटे से हिमाचल प्रदेश को अभी तक भी केन्द्र और सांझे पंजाब की सम्पत्तियों में अपना अधिकार नही मिला है। भाखड़ा डैम और चण्डीगढ में भी हिमाचल प्रदेश का 7.19 प्रतिशत हिस्सा है जो आज तक नही मिला।
शांता कुमार ने कहा कि हिमाचल के अधिकार प्राप्त करने के लिए मुख्यमंत्री के तौर पर मैं हिमाचल के पांच हजार प्रतिनिधि पंच से संसद तक की एक हिमाचल यात्रा दिल्ली तक ले गया था। हिमाचल के अधिकारों का समर्थन करने के लिए आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी भी कुछ देर तक हमारे धरने में शामिल हुए थे। हमने राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन दिया था।
उन्होंने कहा कि हिमाचल के अधिकारों के साथ अन्याय की यह लम्बी कहानी अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने हिमाचल की सरकार और हिमाचल के विपक्ष से विशेष आग्रह किया है कि शानन बिजली घर के लिए पूरे हिमाचल के सभी प्रमुख नेता एक जुट होकर संघर्ष करे। सर्वोच्च न्यायालय में भी पूरी शक्ति से इस प्रश्न पर संघर्ष करे और हिमाचल के सब नेता न्याय प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री महोदय से भी मिलें।