प्रदेश सरकार की नाकामी से पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार हुए नाराज़
पालमपुर – 22 मई, 2025
पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि हर बात की सीमा होती है। सीमा की भी सीमा होती है। जब सब सीमाएं टूट जाए तो दिल पत्थराने लगता है और चिल्लाने लगता है। यही हाल कई वर्षों से अखबार में दो समाचार पढ़ते-पढ़ते मेरी तरह लाखों पाठकों का हो गया होगा।
उन्होंने कहा कि आज के अखबार के पूरे पृष्ठ के षीर्शक में एक समाचार है – टाण्डा में 6 माह 51 मौते – चारों एक्सरे मशीने खराब, जरूरी टेस्ट एम.आर.आई. व सी.टी. स्कैन के लिए 2 माह की लम्बी तरीख।
शांता कुमार ने कहा कि हिमाचल में कई दवाईओं के सैपल फेल – दूसरे समाचार में – अभी के टेस्ट में हिमाचल में बनी 57 दवाईयां फेल हो गई। इससे पहले हिमाचल में अप्रैल मास में 32, मार्च मास में 38 और जनवरी मास में 28 सैपल फेल हुए थे। हिमाचल में देश की 30 प्रतिशत दवाईयां का उत्पादन होता है।
उन्होंने कहा कि यह दो समाचार एक बार नही बार बार अखबारों में पढ़-पढ कर मैं बहुत परेशान हो गया हूं। अपने प्रदेश की महत्वपूर्ण इन दो बातों को पढ़ कर बहुत दुखी हूं। आज कुछ भी कहने को मेरे पास नहीं है केवल सरकार को एक उर्दू की कविता की ये पंक्तियाँ कह रहा हूं।
– कुर्सी है जनाजा तो नही
कुछ कर नही सकते तो उतर क्यों नही जाते