हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दिल्ली रवाना हुए हैं। वह राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर अन्य केंद्रीय नेताओं से मिलेंगे। जेपी नड्डा जब अपनी भतीजी की शादी में बिलासपुर आए थे, तो जयराम ठाकुर ने वहां भी उनसे मुलाकात की थी, लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दिल्ली आकर सभी लंबित विषयों पर चर्चा करने को कहा था। इसके बाद वह दिल्ली अब गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री के इस दिल्ली दौरे के कई मतलब हैं। भाजपा को विधानसभा चुनाव में मिली हार का पोस्टमार्टम करना है और सुधार के लिए कदम उठाने हैं। जिन चुनाव क्षेत्रों में भीतरघातियों और बागियों के कारण नुकसान हुआ है, उसकी भी जिम्मेदारी तय होनी है। इससे भी बड़ी बात की आगामी दिनों में होने वाले बदलावों को लेकर चर्चा लंबित है।
भाजपा को नेता प्रतिपक्ष का चुनाव करना है।विधानसभा के भीतर विपक्ष में की भूमिका में रहते हुए 25 विधायकों का नेता कौन होगा, यह तय होना है। इसके लिए जयराम ठाकुर के अलावा पूर्व अध्यक्ष सतपाल सत्ती और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार का नाम लिया जा रहा था। प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर भी सुरेश कश्यप का कार्यकाल जनवरी महीने में पूरा हो रहा है। इसलिए हिमाचल भाजपा को नए अध्यक्ष की भी तलाश है, जो 2024 के लोकसभा चुनाव की चुनौती का सामना भी कर ले। यही वजह है कि जयराम ठाकुर के इस दौरे के कई मतलब हंै।