उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से भेंट की। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से हिमाचल में प्रभावी एवं दीर्घकालिक सिंचाई नेटवर्क के लिए समुचित बजट प्रावधान करने का आग्रह किया ताकि राज्य में कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा दिया जा सके।
उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि राज्य का एक बड़ा क्षेत्र अभी भी सिंचाई सुविधा से वंचित है और ऐसे में प्रदेश में सिंचाई नेटवर्क को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। उन्होंने ट्यूबवेल निर्माण के लिए विशेष बजट आबंटित करने का भी आग्रह किया।
उन्होंने केन्द्रीय मंत्री के समक्ष पौंग तथा भाखड़ा ब्यास प्रबन्धन बोर्ड के जलाशयों से निकासी संबंधित मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य में पेयजल आपूर्ति क्षेत्र के लिए लगभग 1200 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।
मुकेश अग्निहोत्री ने हिमाचल प्रदेश के प्रति उदार रूख अपनाने तथा जल जीवन मिशन के अन्तर्गत राज्य को 336 करोड़ रुपये की किश्त जारी करने के लिए केन्द्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने फिन्ना सिंह परियोजना के लिए शेष 340 करोड़ रुपये की राशि शीघ्र जारी करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का कार्य प्रगति पर है और अभी तक इस पर 286 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि फिन्ना सिंह मध्यम सिंचाई परियोजना वर्ष 2011 में 204 करोड़ रुपये की आरम्भिक लागत के साथ शुरू की गई थी, जो अब बढ़कर 646 करोड़ रुपये हो गई है।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में प्रभावी एवं दीर्घकालिक सिंचाई नेटवर्क सुनिश्चित करने के लिए कार्य योजना प्रक्रियाधीन है। उन्होंने कहा कि कार्य योजना पर चर्चा तथा वर्तमान की आवश्यकताओं एवं विभिन्न स्तरों पर पेश आ रही समस्याओं के हल के लिए जल शक्ति मंत्रालय और राज्य के जल शक्ति विभाग के अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक भी प्रस्तावित है।
उन्होंने राज्य में निर्माणाधीन और अन्य प्रस्तावित मल निकासी योजनाओं के लिए बजट प्रावधान करने का भी आग्रह किया ताकि इन्हें समयबद्ध पूर्ण किया जा सके। उप-मुख्यमंत्री ने 75 करोड़ रुपये की महात्वकांक्षी बीत सिंचाई परियोजना का मुदद्ा भी केन्द्रीय मंत्री के समक्ष उठाया और इसे शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया।
इससे पूर्व, उप-मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को सम्मानित किया और हिमाचल आने का न्यौता भी दिया।