प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2025 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए दृढ़ता से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विश्व बैंक की टीम के साथ प्रदेश के ग्रीन एजेंडा और विश्व बैंक के सहयोग के साथ इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में किए जाने वाले उपायों पर विस्तृत चर्चा की है।
प्रदेश सरकार कार्बन उत्सर्जन में कमी लाकर प्रदेश को पहला प्रदूषण रहित राज्य बनाने के लिए प्रयासरत है। यह मुख्यमंत्री के प्रयासों से ही संभव हो पाया है कि वल्र्ड बैंक ने ग्रीन रेसिलिएन्ट इंटिग्रेटिड डवल्पमेंट में रुचि दिखाई है। इसकी अनुमानित लागत 2500 करोड़ रुपये है तथा यह राशि तकनीकी समीक्षा के आधार पर बढ़ाई भी जा सकती है।
प्रदेश सरकार का यह निर्णय राज्य को ग्रीन रेसिलिएन्ट प्रदेश के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगा। प्रदेश सरकार ने आगामी नौ महीनों में प्रदेश में 200 मेगावाट क्षमता की सोलर पावर परियोजनाओं को स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और वर्ष 2024 के अंत तक 500 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रदेश में भूमि अधिग्रहण कर लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया है कि प्रदेश सरकार राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन की तर्ज पर प्रदेश में वृहद् स्तर पर उत्पादन से लेकर उपयोग तक कार्यप्रणाली पर कार्य करने के लिए प्रयासरत है।