राज्य सरकार द्वारा सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र मेंप्रस्तावित निवेश से हिमाचल प्रदेश के अमूल्य पर्यावरण संरक्षण में बहुप्रतीक्षित सुपरिणामसुनिश्चित होंगे। पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण से हरित एवं स्वच्छ हिमाचल की राहप्रशस्त होगी, वहीं मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के हिमाचल प्रदेश कोहरित ऊर्जा राज्य बनाने के सपने को साकार करने में भी यह अहम भूमिका निभाएगा।प्रदेश सरकार हिमाचल में सौर ऊर्जा उत्पादन कोनवोन्मेषी प्रयासों से बढ़ावा दे रही है। प्रदेश सरकार उपभोक्ताओं कोसस्ती दरों पर हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध करवाने के साथ कार्बन उत्सर्जन को भी कमकरने के लिए सार्थक प्रयास कर रही है।राज्य सरकार इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में निवेश कोबढ़ावा देने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को प्रदेश मेंपरियोजनाएं स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। प्रदेश में देश के सार्वजनिक क्षेत्र का प्रमुख उपक्रमसतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड पांच सोलर पॉवर परियोजनाएं स्थापित करने जा रहा है।ऊना जिला के थपलान में 112.5 मेगावाट क्षमता, भंजाल और कध में 20 मेगावाट,कांगड़ा जिला के फतेहपुर में 20 मेगावाट, सिरमौर जिला के कोलर में 30 मेगावाटऔर कांगड़ा जिला के राजगीर में 12.5 मेगावाट क्षमता की सौर पॉवर परियोजनाएंपूर्वनिर्माण चरण में हैं।मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया है कि इन परियोजनाओं केनिर्माण के लिए सरकार निष्पादन एजेंसी को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। कंपनीको सुविधा प्रदान करने के लिए फ्री-होल्ड निजी भूमि की खरीद के लिए नीति मेंसंशोधन के लिए आवश्यक कदम भी उठाएगी।विद्युत परियोजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी केलिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा ताकि निर्धारित समयअवधि में इन परियोजनाओं को पूरा किया जा सके।