प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज कर्नाटक के बेलगावी में 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। उन्होंने पीएम-किसान के अंतर्गत 16,000 करोड़ रुपये की तीसरी किस्त राशि जारी की। प्रधानमंत्री ने पुनर्विकसित बेलगावी रेलवे स्टेशन का भवन राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत छह बहु-ग्राम योजना परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये बेलागवी के लोगों का अतुलनीय प्यार और आशीर्वाद ही है जो सरकार को लोगों के कल्याण के लिए काम करने और उनकी शक्ति का स्रोत बनने के लिए प्रेरित करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि “बेलगावी आना किसी तीर्थ यात्रा से कम नहीं है” और उसी के साथ उन्होंने रेखांकित किया कि ये चित्तूर की रानी चेन्नम्मा और क्रांतिकारी क्रांतिवीर सांगोली रायन्ना की भूमि है, जिन्हें औपनिवेशिक शासन के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए आज भी याद किया जाता है।
प्रधानमंत्री ने बेलगावी के योगदानों पर प्रकाश डाला और कहा कि इसका आज की लड़ाई और भारत के पुनरुत्थान में एक विशेष स्थान है। कर्नाटक की स्टार्टअप संस्कृति की तुलना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बेलगावी 100 साल पहले स्टार्टअप्स का घर था और उन्होंने बाबूराव पुसालकर का उदाहरण दिया जिन्होंने एक इकाई की स्थापना की थी जिसने बेलगावी को विभिन्न उद्योगों के एक बेस में बदल दिया था। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी डबल इंजन वाली सरकार मौजूदा दशक में बेलगावी की इस भूमिका को और भी ज्यादा मजबूत करना चाहती है।
प्रधानमंत्री ने आज जिन परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया, उन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे बेलागवी के विकास में नई ऊर्जा और गति आएगी। उन्होंने इस क्षेत्र के नागरिकों को कनेक्टिविटी और पानी की सुविधा से जुड़ी सैकड़ों करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि बेलगावी के माध्यम से देश के प्रत्येक किसान को एक विशेष उपहार मिला है जहां पीएम-किसान से धन की एक और किश्त जारी की गई है। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की, “बस एक बटन के क्लिक से देश के करोड़ों किसानों के बैंक खातों में 16,000 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए गए हैं।” उन्होंने कहा कि बिना किसी बिचौलिये के इतनी बड़ी रकम ट्रांसफर किए जाने के कदम ने दुनिया भर के लोगों का ध्यान खींचा है। कांग्रेस शासन की तुलना करते हुए प्रधानमंत्री ने याद किया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री ने कहा था कि जब 1 रुपया जारी किया जाता है तो उसमें से सिर्फ 15 पैसे ही गरीबों तक पहुंचते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “लेकिन ये मोदी की सरकार है। यहां हर पैसा आपका है और आपके लिए है।” प्रधानमंत्री ने भारत के सभी किसानों को बहुत समृद्ध होली की शुभकामनाएं दीं और कहा कि उन्हें होली से पहले एक विशेष उपहार मिला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का बदलता भारत वंचितों को प्राथमिकता देते हुए एक के बाद एक विकास परियोजनाओं को पूरा कर रहा है। उन्होंने जिक्र किया कि वर्तमान सरकार की प्राथमिकता छोटे किसान हैं। उन्होंने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से अब तक छोटे किसानों के खातों में 2.5 लाख करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं, जिसमें से 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि महिला किसानों के खातों में जमा की जा चुकी है। प्रधानमंत्री ने कहा, ये पैसा किसानों की छोटी-छोटी लेकिन महत्वपूर्ण जरूरतों का ख्याल रख रहा है।
प्रधानमंत्री ने दोहराया कि देश का कृषि बजट जो 2014 से पहले 25,000 करोड़ रुपये था, वो अब बढ़ाकर 1,25,000 करोड़ कर दिया गया है। ये पांच गुना वृद्धि है। उन्होंने कहा कि ये देश के किसानों को समर्थन देने की भाजपा सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया जिससे किसानों को सीधा फायदा हो रहा है और उन्होंने जनधन बैंक खातों, मोबाइल कनेक्शन और आधार का उदाहरण दिया। उन्होंने रेखांकित किया कि सरकार किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से इसलिए जोड़ रही है ताकि किसान किसी भी जरूरत के वक्त बैंकों के समर्थन का लाभ उठा सकें।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस साल के बजट में वर्तमान चिंताओं के साथ-साथ कृषि की भविष्य की जरूरतों को भी संबोधित किया गया है। उन्होंने कहा कि आज की जरूरत भंडारण और खेती में लागत कम करने, व छोटे किसानों को संगठित करने की है। इसलिए ये बजट भंडारण सुविधाओं पर जोर देता है और सहकारी समितियों पर ध्यान केंद्रित करता है। इसी तरह प्राकृतिक खेती पर ध्यान देने से किसान को लागत कम आएगी। उन्होंने कहा कि पीएम प्रणाम योजना जैसे उपायों से उर्वरकों पर खर्च में और कमी आएगी।
प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की, “सरकार भविष्य की चुनौतियों का विश्लेषण करते हुए भारत के कृषि क्षेत्र को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।” जलवायु परिवर्तन की चुनौती पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने मोटे अनाज या बाजरा की पारंपरिक ताकत को पुनर्जीवित करने पर जोर दिया और बताया कि इन खाद्यान्नों में किसी भी जलवायु का सामना करने की क्षमता है। इस वर्ष के बजट का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मोटे अनाज को श्री अन्न के रूप में एक नई पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक बाजरा का मुख्य केंद्र रहा है जहां श्री अन्न को लोकप्रिय रूप से श्री धान्य के नाम से जाना जाता रहा है और इस क्षेत्र के किसानों द्वारा विभिन्न प्रकार के श्री अन्न की खेती की जाती है। प्रधानमंत्री ने श्री अन्न को बढ़ावा देने के लिए तत्कालीन बीएस येदियुरप्पा सरकार द्वारा चलाए गए महत्वपूर्ण अभियान को याद किया और कहा कि अब हमें इसे दुनिया के सामने पेश करना है। श्री अन्न के फायदों को गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें कम मेहनत और कम पानी लगता है, वहीं इससे किसानों का फायदा दोगुना हो जाता है।
प्रधानमंत्री ने गन्ना किसानों की जरूरतों के बारे में विस्तार से बात की क्योंकि कर्नाटक एक प्रमुख गन्ना राज्य है। उन्होंने इस वर्ष के बजट प्रावधान का जिक्र किया जिसमें वर्ष 2016-17 से पूर्व देय राशि के सहकारी गन्ना भुगतान पर कर में छूट प्रदान की गई है, जिससे सहकारी चीनी मिलों को 10 हजार करोड़ रुपये की राहत मिलेगी। इथेनॉल मिश्रण पर सरकार के जोर के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि इथेनॉल का उत्पादन गन्ना किसानों की आय बढ़ाने में मदद कर रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले 9 वर्षों में पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण 1.5 प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया है और सरकार अभी से पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य लेकर चल रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी से ही कृषि, उद्योग, पर्यटन और शिक्षा को मजबूती मिलती है। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले के पांच सालों में कर्नाटक में रेलवे का कुल बजट 4,000 करोड़ रुपये था जबकि इस साल कर्नाटक में रेलवे के लिए 7,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में आज लगभग 45 हजार करोड़ रुपये की रेल परियोजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने बेलगावी में नए उद्घाटन किए गए आधुनिक रेलवे स्टेशन का भी उल्लेख किया और कहा कि न केवल सुविधाओं को बढ़ावा मिल रहा है बल्कि रेलवे में विश्वास भी बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “कर्नाटक में कई स्टेशनों को आधुनिक अवतार में सामने लाया जा रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि लोंडा-घाटप्रभा लाइन के दोहरीकरण से यात्रा तेज और सुरक्षित होगी। बेलागवी शिक्षा, पर्यटन और स्वास्थ्य सेवा के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है इसे देखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि रेलवे कनेक्टिविटी में सुधार से इन क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, “डबल इंजन की सरकार तेज गति वाले विकास की गारंटी है”। जल जीवन मिशन का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि कर्नाटक के गांवों में केवल 25 प्रतिशत घरों में 2019 से पहले पानी के कनेक्शन थे, जबकि आज इस कवरेज का विस्तार 60 प्रतिशत हो गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बेलगावी में भी 2 लाख से भी कम घरों में नल से पानी पहुंचता था लेकिन आज ये संख्या 4.5 लाख घरों को पार कर गई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए इस बजट में 60,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की, “सरकार समाज के हर उस छोटे से छोटे वर्ग को सशक्त बनाने में लगी हुई है जिनकी पिछली सरकारों ने उपेक्षा की थी।” बेलगावी दरअसल वेणुग्राम यानी बांस के गांव के रूप में प्रसिद्ध कारीगरों और हस्तशिल्पियों का शहर रहा है, इसका जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने याद किया कि कैसे पिछली सरकारों ने लंबे समय तक बांस की कटाई पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन ये मौजूदा सरकार ही है जिसने इस कानून में सुधार किया और बांस की खेती और व्यापार का मार्ग खोला। उन्होंने पीएम विश्वकर्मा योजना पर भी बात की, जिसे इस साल के बजट में पहली बार कारीगरों और हस्तशिल्पियों को समर्थन देने के लिए पेश किया गया था।
प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के लिए कांग्रेस सरकार के तिरस्कार की ओर इशारा किया जहां कर्नाटक के नेताओं का अपमान करना एक परंपरा बन गई थी। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की, “इतिहास इस बात का गवाह है कि कैसे कांग्रेस परिवार के सामने एस निजलिंगप्पा और वीरेंद्र पाटिल जी जैसे नेताओं का अपमान किया गया।” मल्लिकार्जुन खड़गे जी के प्रति अपने आदर और सम्मान, और जनसेवा के प्रति उनके समर्पण के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के एक समारोह में कैसे सबसे वरिष्ठ सदस्य को चिलचिलाती धूप में छतरी दिए जाने के लायक भी नहीं समझा गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि “खड़गे जी कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, लेकिन उनके साथ जिस तरह का बर्ताव किया जाता है, उससे पूरी दुनिया को पता है कि रिमोट कंट्रोल किसके हाथ में है।” श्री मोदी ने कहा कि देश में कई राजनीतिक दल ‘परिवारवाद’ से त्रस्त हैं और उन्होंने देश को इस चंगुल से मुक्त करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कर्नाटक के लोगों को कांग्रेस जैसी पार्टियों से सतर्क रहने की भी सलाह दी।
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा, “सच्चा विकास तब होता है जब सच्ची नीयत से काम किया जाता है”। उन्होंने दोहरे इंजन वाली अपनी सरकार के सच्चे इरादों और विकास के प्रति उसकी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने अपनी बात के समापन में कहा, “कर्नाटक और देश के विकास को गति देने के लिए हमें सबके प्रयास के साथ आगे बढ़ना होगा”।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे और अन्य लोगों के साथ कर्नाटक सरकार के मंत्री इस अवसर पर उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
किसानों के कल्याण के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता के एक और कदम के तौर पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत तकरीबन 16,000 करोड़ रुपये की 13वीं किस्त की राशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से 8 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को जारी कर दी गई। इस योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को 2000 रुपये की तीन समान किस्तों में कुल 6000 रुपये प्रतिवर्ष का लाभ प्रदान किया जाता है।
इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने पुनर्विकसित बेलगावी रेलवे स्टेशन का भवन राष्ट्र को समर्पित किया। यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए लगभग 190 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से इस रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया गया है। एक अन्य रेलवे परियोजना जिसे प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा, वो बेलगावी में लोंडा-बेलगावी-घाटप्रभा खंड के बीच रेल लाइन दोहरीकरण की परियोजना है। लगभग 930 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की गई ये परियोजना व्यस्त मुंबई-पुणे-हुबली-बेंगलुरु रेलवे लाइन की क्षमता को बढ़ाएगी जो इस क्षेत्र में व्यापार, वाणिज्य और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी।
प्रधानमंत्री ने बेलगावी में जल जीवन मिशन के तहत छह बहु-ग्राम योजना परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी, जिन्हें लगभग 1585 करोड़ रुपये की संचयी लागत से विकसित किया जाएगा और इससे 315 से ज्यादा गांवों की तकरीबन 8.8 लाख आबादी लाभान्वित होगी।