भारतीय संस्कृति के अनुरुप हो भारत का विकास: सरदार गजेंद्र संधू

भारत विकास परिषद की दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला में बनाई भविष्य की रणनीति

भारत विकास परिषद उत्तर क्षेत्र 1 की दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला जालंधर श्री देवी तालाब मंदिर परिसर में संपन्न हुई जिसमें 8 प्रांतों से राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं प्रांतीय दायित्वधारियों ने भाग लिया। इस दौरान भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार गजेंद्र सिंह संधू ने सभी कार्यकर्ताओं को परिषद के बृहद स्वरूप एवं भविष्य की योजनाओं का प्रारूप प्रस्तुत किया।

उन्होंने कार्यशाला का महत्व बताते हुए संगठन में सामंजस्य बनाने, कार्यक्रमों की शैली में एकरूपता रखने एवं भारत की अनेकता में एकता को ध्यान में रखते हुए परिषद के कार्य को गति प्रदान करने पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि भारत विकास परिषद भारत का विकास भारतीय संस्कृति के अनुरूप करने के लिये कृत-संकल्पित है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को बिना किसी मद एवं द्वेष के ‘नर सेवा- नारायण सेवा’ के भाव से ‘सर्वजन सुखाय-सर्वजन हिताय’ के मूल मंत्र के साथ निष्काम भाव से कार्य करने का आह्वान किया।

इस कार्यशाला के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए क्षेत्रीय महासचिव सुशील शर्मा ने बताया कि परिषद अपने संगठनात्मक दस वर्षीय लक्ष्यों के प्रति गंभीर है और कार्यशाला में सभी 8 प्रान्तों के आगामी वर्ष के सदस्य संख्या एवं शाखा विस्तार के लक्ष्य निर्धारित किया गया।

क्षेत्रीय संरक्षक श्रीनिवास बिहानी ने कार्यशाला के उद्देश्य विषय पर सभी का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कार्यकर्ता को साधक, शाखा को साधन और कार्य पूर्ण करने को अपना साध्य की संज्ञा दी।

परिषद के राष्ट्रीय चेयरमैन संपर्क ललित महाजन ने भारत विकास परिषद की लक्ष्य उद्देश्य और फिलॉसफी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने परिषद के कार्यकर्ता की विशेषता बताते हुये कहा कि सदस्य सर्वगुण सम्पन्न और समाज को देने वाला हो।

वहीं संगठनात्मक विषय पर और परिषद की कार्य पद्धति के बारे में क्षेत्रीय संयुक्त महासचिव हरिंदर गुप्ता ने अपने विचार रखे। इस दौरान राष्ट्रीय चेयरमैन सेवा अजय दत्ता ने शाखाओं और प्रान्त में प्रभावी प्रवास एवं उनकी प्रभावी कार्य करने की कला के बारे में अपने विचार रखें। क्षेत्रीय संयुक्त महासचिव डॉ राजेश पुरी में भारत विकास परिषद की बैठकों में और कार्यक्रमों में प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी दी। राष्ट्रीय वित्त मंत्री महेश बाबू गुप्ता ने वित्तीय प्रबंधन के बारे में सभी प्रांतों व शाखाओं के दायित्वधारियों का मार्गदर्शन किया जबकि राष्ट्रीय प्रोजेक्ट कमेटी सदस्य पंकज जिंदल ने ट्रस्ट और सोसाइटी के पंजीकरण व एफलीएशन के बारे में जानकारी दी। परिषद द्वारा सदस्यता के लिए बनाई गई मोबाइल एप के बारे में क्षेत्रीय महासचिव सुशील शर्मा ने अपनी प्रस्तुति दी और प्रांतियों कार्यशालाओं में इस विषय पर व्यापक चर्चा करने और कार्यकर्ताओं को इनकी जानकारी सांझा करने पर बल दिया।

इस दौरान संगठनात्मक विषयों पर ग्रुप डिस्कशन भी आयोजित हुआ।

कार्यशाला के दूसरे दिन विभिन्न प्रकल्पों जैसे सेवा, संपर्क, संस्कार, महिला एवं बाल विकास, भारत को जानो, राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता, गुरु बन्दन छात्र अभिनन्दन, पर्यावरण संरक्षण तथा मीडिया व पब्लिसिटी के बारे में विस्तृत चर्चा की गई और सभी के सुझाव भी लिए गए।

अंतिम सत्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष गजेंद्र सिंह संधू ने अपने मार्गदर्शन में कहा कि प्रभावी कार्य योजना बनाकर ही हम अपने लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने प्राचीन भारतीय शास्त्रों में आधुनिकता ढूढने, वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत का पालन करते हुए दरिद्र नारायण की सेवा करने का संदेश दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को भारत विकास परिषद की आस्थाओं एवं नियमों के पालन करने का आह्वान किया। कार्यशाला में शामिल होने वाले प्रतिभागियों ने कार्यक्रम स्थल पर आयोजित योग शिविर में भी भाग लिया।

इस कार्यशाला के आयोजक प्रांत पंजाब पश्चिम की अध्यक्षा अरुणा पुरी ने आए हुए अतिथियों का अपने प्रांत की ओर से धन्यवाद किया एवं आभार व्यक्त किया।

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