पालमपुर- 30 सितम्बर
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक देश-एक चुनाव’ विषय के लिए एक महत्वपूर्ण कमेटी का गठन किया है। पिछले लगभग 10 वर्ष में देश के विकास के लिए और गरीबी, बेरोजगारी को मिटाने के लिए बहुत सी योजनाएं बनी, बहुत विकास भी हुआ। सच्ची बात तो यह है कि इससे अधिक और कुछ नही किया जा सकता। इसके बाद भी देश में जो गरीबी और बेरोजगारी है उसका कारण बढ़ती आबादी और देश में हर वर्ष होने वाले चनाव हैं। यदि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव वर्ष में केवल एक बार हो तो हजारों करोड़ों रू0 बचेंगे और पूरे पांच साल विकास की ओर ध्यान दिया जा सकेगा।
उन्होंने कहा भारत में प्रतिवर्ष कुछ प्रदेशों में चुनाव होते हैं। पूरे देश की राजनीति और नेता उनमें उलझ जाते हैं, बहुत अधिक धन खर्च होता है। यदि एक वर्ष में पांच विधानसभाओं के चुनाव भी हो तो पांच साल में 25 बार चुनाव होंगे। विश्व के किसी और बड़े लोकतंत्र में ऐसा नही होता। एक बार किसी ने कहा था कि दुनिया के लोग सोचते होंगे कि भारत में कोई समस्या नही है इसलिए हर साल चुनाव करवाते रहते हैं।
शांता कुमार ने कहा पूरे देश की पूरी राजनीति पूरे पांच साल चुनाव में उलझी रहते हैं। एक प्रदेश का चुनाव समाप्त हुआ तो अगले वर्ष दो प्रदेशों की तैयारी शुरू हो जाती है। पूरे पांच साल देश में चुनाव का ही मूड रहता है, विकास के लिए बहुत कम समय मिलता है। दुर्भाग्य से भारत का लोकतंत्र अब चुनाव तंत्र बन गया है।
उन्होंने कहा यह एक सच्चाई है कि चुनाव में सभी पार्टियां काले धन का उपयोग करती है और अब चुनाव में दिन-प्रतिदिन काले धन का उपयोग भी बढ़ गया है।अधिक चुनाव के कारण काले धन का धन्धा भी बहुत बढ़ जाता है। यदि देश में पांच साल में एक बार ही चुनाव हो तो काले धन का धन्धा भी कम हो सकता है।
शांता कुमार ने कहा पिछले 10 वर्षों में यथा सम्भव विकास देश में हुआ है।इसके बाद भी ग्लोबल हंगर इन्डैक्स की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 19 करोड़ लोग रात को भुखे पेट सोते है। इसलिए धनऔर समय बचाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा मुझे याद है कि प्रारम्भ के तीन चुनाव इक्कठे हुए थे।प्रदेश और देश का चुनाव इक्टठा होने पर लोकसभा के लिए अलग से खर्च नही होता। एक ही पार्टी का उम्मीदवार लोकसभा में और उसके नीचे की विधानसभाओं में खड़ा होता हैं इक्टठे प्रचार से बहुत-सा धन भी बचता है।
शांता कुमार ने कहाआज की राजनीति और चुनाव एक बहुत बड़ा काले धन का धन्धा बन गया है। बहुत से नेता इस योजनाका विरोध करेंगे। राजनीति के अन्दर के लोग जानते है कि चुनाव में काले धन के धन्धे से बहुत से नेताओं की जेबें भर जाती है।पांच वर्ष में केवल एक बार चुनाव करवाने से काले धन का धन्धा समाप्त होगा और करोड़ोंअरबों रू0 की बचत होगी और पूरे पांच साल देष के विकास के लिए सोचने और काम करने का समय भी मिलेगा।