सी.एस.आई.आर.-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर, हिमाचल प्रदेश ने 21 मई 2025 को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस मनाया , जिसका विषय था “बेहतर जीवन के लिए चाय”। यह आजीविका, स्थिरता और स्वास्थ्य में चाय के योगदान को उजागर करता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री बी.बी.एल. बुटेल, भूतपूर्व स्पीकर हिमाचल प्रदेश विधानसभा और प्रसिद्ध चाय उत्पादक जिनका संस्थान के साथ जैव-संसाधनों के संबंध में लंबे समय से जुड़ाव रहा है, ने कांगड़ा की अर्थव्यवस्था में चाय की भूमिका और जी.आई (भौगोलिक संकेत) एवं पी.जी.आई (संरक्षित भौगोलिक संकेत) टैग के माध्यम से इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गौरव बनाने पर प्रकाश डाला। उन्होंने सी.एस.आई.आर-आई.एच.बी.टी द्वारा चाय के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों और कांगड़ा चाय उद्योग के पुनरुद्धार में उसकी भूमिका की सराहना की।

“हिमालयन ब्रू” चाय ब्रांड के मालिक श्री राजीव सूद ने अपने चाय ब्रांड की यात्रा साझा की और बताया कि सी.एस.आई.आर-आई.एच.बी.टी के तकनीकी योगदान ने उनकी इस पहल में कैसे सहायता की।
श्री हेमराज अग्रवाल, टी बोर्ड ऑफ इंडिया, पालमपुर के फ़ैक्टरी सलाहकार ने विभिन्न चाय की किस्मों और चाय बनाने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इससे पहले, डॉ.सुदेश कुमार यादव, निदेशक सी.एस.आई.आर-आई.एच.बी.टी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हे अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस की शुभकामनाएं दीं।
अपने संबोधन में उन्होंने चाय जर्मप्लाज्म संरक्षण एवं उसका वर्णन, कृषि यंत्रीकरण, चाय किस्मों के विकास और उत्पाद विविधता पर संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कांगड़ा चाय को जी.आई टैग दिलवाने में संस्थान के महत्वपूर्ण योगदान को भी रेखांकित किया।
इस अवसर पर, संस्थान के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. आर.के. सूद को चाय के प्रचार और उत्थान के लिए उनके द्वारा किए गए सराहनीय कार्य हेतु सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में वैज्ञानिकों, चाय उद्योग विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों ने चाय अनुसंधान में नवीनतम प्रगति पर चर्चा की।
इस दिवस पर चाय–आधारित नवाचारों का भी प्रदर्शन किया गया।