विधायक श्री हर्षवर्धन चौहान, श्री रोहित ठाकुर और श्री अनिरूद्ध सिंह द्वारा दिनांक 26 दिसम्बर, 2022 को शिमला  में आयोजित संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस के मुख्य बिन्दु:

प्रदेश के लोगों ने कांग्रेस को भारी जनादेश दिया है और कांग्रेस सरकार प्रदेश वासियों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए प्रतिबद्ध है।
वर्तमान प्रदेश सरकार का नेतृत्व साफ सुथरी छवि और जनप्रिय नेता माननीय श्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू कर रहे हैं। उनका स्पष्ट मानना है कि प्रदेश सरकार सत्ता परिवर्तन के बजाय व्यवस्था परिवर्तन की भावना से कार्य करेगी।
माननीय मुख्यमंत्री प्रदेशवासियों को जवाबदेही और पारदर्शी सरकार देने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रदेश सरकार विधानसभा चुनावों में दी गई दस गांरटियों को मूर्तरूप प्रदान करने के लिए संकल्पबद्ध है और इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार को पांच साल के लिए भारी जनादेश प्राप्त हुआ है और ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री एवं उनके सहयोगियों को धैर्य का परिचय देना चाहिए।
राज्य सरकार प्रदेशवासियों की उम्मीदों और आकांक्षाओं पर खरा उतरने में हरसंभव प्रयास करेगी। कांग्रेस के ‘प्रतिज्ञा पत्र-2022’ में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) की लंबित मांग के संबंध में किए गए वायदे को मंत्रिमंडल की पहली बैठक में पूरा किया जाएगा।
मिशन रिपीट से मिशन डिफीट हो जाने पर भाजपा नेताओं में बेचैनी है। वे इस हार को बर्दाशत नहीं कर पा रहे हैं और हताशा में बेतुकी एवं आधारहीन बयानबाजी कर रहे हैं।
पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत प्रदेश में केवल राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से एक अप्रैल, 2022 के बाद राज्य में लगभग 900 संस्थान खोलने के मामले में भाजपा द्वारा जनता को गुमराह करने के लिए की जा रही बयानबाजी इसकी बानगी है।
चुनावों के ऐन मौके पर विदाई बेला में जनता को लुभाने के उद्देश्य से पूर्व सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग के 147, जल शक्ति विभाग के 34, लोक निर्माण विभाग के 16, आयुष विभाग के 43, शिक्षा विभाग के 430, पुलिस के 18, राजस्व विभाग के 117, वन विभाग के एक, आईटीआई के 19, बिजली बोर्ड के 32 सहित अन्य संस्थान प्रदेश में खोले गए।
इन संस्थानों को खोलने के लिए पूर्व की भाजपा सरकार ने वित्त विभाग की आपतियों को भी नजरअंदाज किया। संस्थानों के लिए तय पैमानों की अनदेखी की गई, बजट का प्रावधान नहीं किया गया और संस्थानों को संचालित करने के लिए पद भी सृजित नहीं किए गए थे।
इन संस्थानों को संचालित करने पर पांच हजार करोड़ रुपये का वार्षिक बोझ पड़ेगा।
वर्तमान प्रदेश सरकार आवश्यकतानुसार उक्त संस्थानों की समीक्षा करेगी और जहां आवश्यक होगा वहां इन संस्थानों को दोबारा खोला जाएगा।
पूर्व की भाजपा सरकार की गलत नीतियों के फलस्वरूप वर्तमान राज्य सरकार पर 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है।
पूर्व की भाजपा सरकार ने राजनीतिक उद्देश्य से आयोजित की गई रैलियों के लिए प्रशासन और सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग किया। इसी का परिणाम है कि हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों का लगभग 14 करोड़ रुपये बकाया है जिनका उपयोग इन रैलियों में किया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में आयोजित की गई भर्तियों में युवाआंे के हितों की अनदेखी की गई थी। पूर्व की भाजपा सरकार के कार्यकाल मंे पुलिस भर्ती सहित कई पेपर लीक हुए थे जो भाजपा सरकार की असफलता को दर्शाती है।
पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में पूर्व सरकार ने सीबीआई को जांच सौंपने की बात कही थी मगर इससे पहले ही अपने स्तर पर सीआईडी से जांच के बहाने कुछ और ही पकता रहा। हैरानी की बात है कि सीबीआई भी विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद ही हरकत में आ पाई।
वहीं वर्तमान राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि विभिन्न एजेंसियों द्वारा राज्य में होने वाली सभी परीक्षाएं पारदर्शी और उत्तरदायी तरीके से करवाई जाएं।
इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने त्वरित कारवाई करते हुए जेओए (आईटी) परीक्षा आयोजित होने से पहले ही पेपर लीक के आरोपी कर्मचारी एवं अन्य व्यक्तियों को कानून की गिरफ्त में ले लिया।

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