संजय गुप्ता ने आज रोपवे एवं रैपिड ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (आर.टी.डी.सी.) के अध्यक्ष एवं महाप्रबंधक का पदभार संभालने के उपरांत आर.टी.डी.सी. के अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि रोपवे परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर ग्रामीण कनेक्टिविटी के लिए नाबार्ड (आर.आई.डी.एफ.) के साथ लिया जाना चाहिए।
उन्हांेने कहा कि 1546.40 करोड़ रुपये लागत की 14.69 किलोमीटर की शिमला अभिनव शहरी परिवहन परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शीघ्र पूरी की जाए और न्यू डेवलपमेंट बैंक (एन.डी.बी.) के साथ बैठक में इस विषय में चर्चा की जाए।
संजय गुप्ता ने रोपवे परियोजनाओं को निजी भागीदारी से भी पी.पी.पी. मोड मंे विकसित किए जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए राज्य में जाबली- कसौली रोपवे परियोजना, नारकंडा-हाटू रोपवे और अन्य परियोजनाओं में इच्छुक प्रमोटरों को सुविधा प्रदान करने के प्रयास करने के लिए कहा।
उन्होंने निर्देश दिए कि जिला मंडी में नाबार्ड (आर.आई.डी.एफ.) के वित्त पोषण से माता बगलामुखी के लिए आर.टी.डी.सी. द्वारा शुरू की गई पहली यात्री रोपवे परियोजना जून, 2023 तक पूरी की जानी चाहिए।
उन्होंने आर.टी.डी.सी. को अगले पांच वर्षों में प्रत्येक जिले में कम से कम एक रोपवे विकसित करने के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए ताकि कनेक्टिविटी, रोजगार सृजन के साथ-साथ पर्यटन क्षमता को बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन, शहरी परिवहन, ग्रामीण कनेक्टिविटी, बागवानी और कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए रोपवे कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सशक्त प्रयास किए जाने चाहिए।
बैठक में निदेशक आर.टी.डी.सी. अजय शर्मा एवं मुख्य महाप्रबंधक आर.टी.डी.सी. रोहित ठाकुर उपस्थित थे।