लोक निर्माण मंत्री ने विभागीय परियोजना कार्यों की समीक्षा की
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज ‘निर्माण भवन’ शिमला में लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में राष्ट्रीय राजमार्गों, नाबार्ड, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, सी.आर.एफ., हिमाचल प्रदेश सड़क एवं अधोसंरचना विकास निगम सीमित इत्यादि के अंतर्गत जारी विभिन्न कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई।
श्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विभागीय अधिकारी अत्याधुनिक तकनीकों का समावेशन करते हुए कार्यप्रणाली को और सुदृढ़ करने के लिए नवोन्मेषी विचारों एवं पेशेवर ढंग से कार्य करें। उन्होंने कहा कि विभाग की आधारभूत संरचना में सुधार और कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी परियोजना की डीपीआर तैयार करने के साथ ही एफसीए सहित अन्य सभी औपचारिकताएं भी पूर्ण कर लें ताकि परियोजना कार्य को गति प्रदान की जा सके। भूमि की उपलब्धता सहित एफसीए के मामलों में स्थानीय जन प्रतिनिधि के साथ समन्वय स्थापित करते हुए इनके समयबद्ध निपटारे के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अंतर्गत प्रदेश में निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए उन्होंने सभी कार्यों को समयबद्ध पूरा करने के निर्देश दिए। उन्हांेने प्राधिकरण के अधिकारियों को फोरलेनिंग कार्य के दौरान शिमला व सोलन के मध्य कटिंग से होने वाले संभावित भू-स्खलन स्थलों की पहचान करने तथा इसकी रोकथाम के लिए समुचित कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सड़क मार्ग एक तरह से हिमाचल प्रदेश का गेट-वे है और सैलानियों के लिए यहां आवागमन की बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाना विभाग और सरकार की प्राथमिकता है।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि शिमला से कांगड़ा एवं मंडी सहित लगभग छः जिलों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर घंडल के समीप स्थायी पुल के निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जाए क्यांेकि यह मार्ग एक तरह से इन जिलों को राजधानी से जोड़ने वाली लाईफलाइन है। उन्होंने पीएमजीएसवाई के अंतर्गत जारी विभिन्न सड़क निर्माण कार्यों को भी निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के निर्देश दिए।
विद्युत विंग के कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा निर्मित किए जाने वाले भवनों में सौर ऊर्जा संचालित विद्युत आपूर्ति का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बर्फबारी प्रभावित क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 7500 किलोमीटर लंबी सड़कें हैं और प्रदेश सरकार ने इन सड़कों पर बर्फ हटाने के लिए समुचित प्रबंध किए हैं। भारी बर्फबारी के कारण बंद हुई सड़कों को शीघ्रातिशीघ्र बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और इसके लिए सामान्य क्षेत्रों से अतिरिक्त मशीनरी इत्यादि उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कहा कि इससे बर्फबारी प्रभावित क्षेत्रों में सड़कें बहाल करने में तेजी आई है और विभाग को किराए पर मशीनरी लेने की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सड़कों के निर्माण, उचित रखरखाव व मरम्मत कार्यों में गुणवत्ता से किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्यों की गुणवत्ता जांचने के लिए विभाग को अत्याधुनिक तकनीक एवं उपकरणों से सुसज्जित किया जाएगा और मेरी सड़क, ई-समाधान तथा सीपी ग्राम इत्यादि ऐप के माध्यम से आम जन इस बारे में शिकायतें भी भेज सकते हैं।
उन्होंने कहा कि विभाग सड़क सुरक्षा को और सुदृढ़ करने के लिए प्रभावी कदम उठा रहा है। उन्होंने चिन्हित ब्लॉक स्पॉट को दुरुस्त करने के साथ ही अन्य दुर्घटना संभावित स्थलों पर मरम्मत तथा क्रैश बैरियर इत्यादि लगाने पर भी बल दिया।
बैठक में मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने बैठक की कार्रवाई का संचालन किया।
बैठक के दौरान शिमला शहर के विकास तथा सड़क सुरक्षा विषय पर प्रेजंेटेशन भी प्रस्तुत की गई।
विशेष सचिव लोक निर्माण विभाग हरबंस सिंह ब्रसकोन एवं तोरुल एस. रवीश, प्रमुख अभियंता (परियोजना) अर्चना ठाकुर सहित सभी मुख्य अभियंता तथा विभिन्न वृतों के अधीक्षण अभियंता बैठक में उपस्थित थे।