नई दिल्ली
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल के आमंत्रण पर, अमेरिका की वाणिज्य मंत्री गिना रैमोंडो ने भारत- अमेरिका द्विपक्षीय वाणिज्यिक संवाद 2023 में भाग लेने के लिए 7 मार्च से 10 मार्च, 2023 तक नई दिल्ली, भारत का दौरा किया। श्री गोयल एवं अमेरिकी वाणिज्य मंत्री की सह-अध्यक्षता में वाणिज्यिक संवाद अमेरिका-भारत व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझीदारी को सुदृढ़ बनाने के जारी प्रयासों का एक हिस्सा है। गिना रैमोंडो ने सीईओ फोरम के लिए अमेरिका सीईओ के एक उच्च स्तरीय व्यवसाय शिष्टमंडल का नेतृत्व किया। सीईओ फोरम एक परिणाम उन्मुखी तरीके से साझा रणनीतिक प्राथमिकताओं पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। सीईओ फोरम को भी नवंबर 2022 में फिर से लांच किया गया था।
अपने दौरे के दौरान, उन्होंने रक्षा मंत्री के निवास स्थान पर होली समारोहों में भाग लिया। उन्होंने अन्य मंत्रियों के साथ भी द्विपक्षीय वार्ताएं कीं। उन्होंने महिला और निर्वहनीयता पर ध्यान केंद्रित करते हुए जनपथ स्थित हस्तशिल्प हाट पर कपड़ा प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
भारत- अमेरिका वाणिज्यिक संवाद बैठक का आयोजन 10 मार्च 2023 को नई दिल्ली के वाणिज्य भवन में किया गया। बैठक के दौरान, श्री गोयल एवं अमेरिकी वाणिज्य मंत्री ने स्वीकार किया कि द्विपक्षीय वस्तु एवं सेवा व्यापार 2014 के बाद से लगभग दोगुना हो गया है और इसने 2022 में 191 बिलियन डॉलर का व्यापार दर्ज किया। दोनों पक्षों ने अपने वाणिज्यिक सहयोग को बढ़ाने के लिए तथा विविध सेक्टरों में बाजार की क्षमता का दोहन करने के लिए तथा छोटे एवं मझोले आकार के उद्योगों ( एमएसएमई ) तथा स्टार्टअप्स द्वारा निवेश के लिए एक वातावरण में सक्षम बनाने के लिए भी और ज्यादा उठाये गए कदमों का स्वागत किया।
अमेरिकी वाणिज्य मंत्री रैमोंडो ने राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन तथा पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत उठाये गए कदमों की सराहना की। श्री गोयल एवं अमेरिकी वाणिज्य मंत्री ने क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी ( आईसीईटी ) पर अमेरिका-भारत पहल का स्वागत किया। दोनों मंत्रियों ने एक सुरक्षित फार्मास्यूटिकल विनिर्माण आधार का विकास करने और महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिज अवयवों ( दुर्लभ पृथ्वी सहित ) के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं को विविधीकृत करने में अमेरिका के साथ साझीदारी करने में भारती की दिलचस्पी को भी नोट किया।
भारत अमेरिका वाणिज्यिक संवाद की संरचना के तहत प्रमुख परिणामों में से एक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला तथा नवोन्मेषण साझीदारी की स्थापना पर समझौता ज्ञापन ( एमओयू ) पर हस्ताक्षर किया जाना था।
वाणिज्यिक संवाद के अन्य प्रमुख परिणाम :
दोनों मंत्रियों ने माना कि छोटी कंपनियां और उद्यमी अमेरिका तथा भारत की अर्थव्यवस्थाओं की जीवन रेखाएं हैं और दोनों देशों के एसएमई के बीच सहयोग को सुगम बनाने तथा उन नवोन्मेषण इकोसिस्टम को बढ़ावा देने की आवश्यकता है जो महामारी के बाद के आर्थिक सुधार एवं विकास को बढ़ाने में सुविधा प्रदान करते हैं। इस परिप्रेक्ष्य में, दोनों पक्षों ने वाणिज्यिक संवाद के तहत प्रतिभा, नवोन्मेषण एवं समावेशी विकास पर एक नए कार्य समूह के लांच की घोषणा की।
इससे स्टार्टअप्स, एसएमई, कौशल विकास तथा डिजिटल एवं उभरती प्रौद्योगिकीयों सहित उद्यमिता पर सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा।
यह कार्यसमूह भी आईसीईटी के तहत प्रयासों, विशेष रूप से, उन विशिष्ट नियामकीय बाधाओं जो सहयोग तथा हमारे नवोन्मेषण इकोसिस्टम ( टेक स्टार्टअप्स सहित ) के बीच अधिक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में व्यवधान उत्पन्न करते हैं, की पहचान करने में भी सहयोग करेगा।
महामारी से पहले की प्रगति को जारी रखने तथा एक मजबूत यात्रा और पर्यटन सेक्टर के निर्माण के लिए कई नई चुनौतियों तथा अवसरों पर ध्यान देने के लिए यात्रा और पर्यटन कार्य समूह को फिर से लांच किया गया। इस कार्यसमूह के कार्यकलाप एसएमई को भी सहायता प्रदान करते हैं क्योंकि यात्रा और पर्यटन सेक्टर में होटल, रेस्तरां, ट्रैवेल एजेंट, हस्तशिल्प आदि जैसे एसएमई भी शामिल हैं।
मनक सहयोग को और बढ़ाने के लिए अमेरिका की तरफ से एएनएसआई ( अमेरिकी राष्ट्रीय मानक संस्थान ) तथा भारत की ओर से ( भारतीय मानक ब्यूरो ) के बीच साझीदारी को और बढ़ाने के लिए मानक एवं अनुरुपता सहयोग कार्यक्रम ( चरण III ) लांच किया गया।
ईएएम एवं मंत्री रैमोंडो ने ‘ रणनीतिक व्यापार संवाद ‘ लांच किया जो निर्यात नियंत्रण को संबोधित करने, उच्च प्रौद्योगिकी वाणिज्य को बढ़ाने के तरीकों की खोज करने तथा दोनों देशों के बीच प्रौद्योगिकी अंतरण को सुगम बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
अमेरिकी पक्ष से 2024 में भारत में वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में एक स्वच्छ ऊर्जा एवं पर्यावरणगत प्रौद्योगिकी व्यवसाय विकास मिशन भेजा जाएगा। यह व्यापार मिशन ग्रिड आधुनिकीकरण और स्मार्ट ग्रिड सॉल्यूशंस, नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण, हाईड्रोजन, तरलीकृत प्राकृतिक गैस और पर्यावरणगत प्रौद्योगिकी समाधानों में अमेरिका- भारत व्यवसाय साझीदारियों को और बढ़ावा देने का एक अवसर होगा।