हिमाचल के दवा उद्योग को बदनाम करने वालों पर सरकार करे कार्यवाही : शांता कुमार

पालमपुर- 19 जुलाई 2023
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि भारत का सौभाग्य है कि दवाई उद्योग में भारत विश्व में अग्रणीय है। जैनरिक दवाई बनाने की दृष्टि से भारत को विश्व की फार्मेसी कहा जाता है। जैनरिक दवाई गुणवत्ता में पूरी परन्तु बहुत सस्ती होती है। विश्व के बहुत से छोटे गरीब देश भारत की बनी जैनरिक दवाई खरीदते हैं और भारत का धन्यवाद करते हैं। भारत करोड़ों रू0 की दवाईयां प्रतिवर्ष निर्यात करता है। लाखों लोग इस उद्योग में लगे हैं।
उन्होंने कहा कि यह और भी सौभाग्य की बात है कि देश के इस उद्योग का 40 प्रतिशत उत्पादन हिमाचल प्रदेश में होता है। इसी बात को देख कर भारत सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश में दो महत्वपूर्ण परियोजनाएं बल्क ड्रक पार्क तथा मैडिकल डिवाइज नाम से लगाई जा रही है। हिमाचल पहले से ही देश के पूरे उत्पादन का 40 प्रतिशत उत्पादन करता है। इन दो नई योजनाओं से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। हिमाचल को पूरे देश में एक नई पहचान मिलेगी।
शांता कुमार ने कहा यह दुर्भाग्य की बात है कि एक तरफ हिमाचल को इस महत्वपूर्ण उद्योग को दो नई योजनाएं देकर भारत सरकार और अधिक महत्वपूर्ण बना रही है और दूसरी तरफ कुछ भ्रष्टाचारी तथा कुछ सरकारी अधिकारी इस योजना को बिगाड़ने में लगे है। पिछले 6 महीने में पूरे देश की 292 दवाईओं के सैंपल फैल हुए। इनमें 93 दवाईयां हिमाचल प्रदेश की हैं। कुछ समय पहले हिमाचल प्रदेश की बनी दवाईओं से दुनिया के कुछ देषों में बहुत से लोगों की मौत हो गई थी। हिमाचल प्रदेश में 22 दवाई के उद्योग ऐसे है जिनकी दवाईयां बार-बार फेल होती हैं। लाईसैंस रद्द कर दिया जाता है और कुछ दिन के बाद लाईसैंस फिर दे दिया जाता है। हिमाचल की दवाईओं के फेल होने के समाचार वर्षों से आ रहे हैं परन्तु किसी अपराधी के विरूद्ध़ कठोर कार्यवाही का समाचार पढने को नही मिला।
उन्होंने कहा अभी-अभी हिमाचल के उद्योग की 55 लाख रू0 की फर्जी दवाईयां पकड़ी गई। उद्योग का मालिक फरार है।
शांता कुमार ने कहा हिमाचल के एक उभरते उद्योग को इस प्रकार नष्ट करने की कोशिश करने में मैं सबसे अधिक जिम्मेदार उन सरकारी अधिकारियों को समझता हूं जिन्होंने अपराधियों को सख्त सजा नही दिलवाई। डर के बिना कभी कोई कानून लागू नही होता।
उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू से विशेष आग्रह किया है कि वे व्यक्तिगत रूप से इस मामले में रूचि लेकर प्रदेश के बढ़ते हुए उद्योग को नष्ट करने की कोशिश को तुरन्त समाप्त करें।

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