वेद-मंत्रों के उच्चारण के साथ विग्रहों में की गई प्राण-प्रतिष्ठा
पालमपुर
पूरे देश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया गया।इस पावन अवसर पर विवेकानंद ट्रस्ट पालमपुर के तत्वावधान में बन कर तैयार वयोवृद्ध आवासीय सेवा केंद्र ‘विश्रांति’ में निर्मित भव्य मंदिर में श्रीराधा कृष्ण की मूर्तियों की विधिवत स्थापना संपन्न की गई। पालमपुर स्थित ‘विश्रांति’ वयोवृद्ध व्यक्तियों के लिए एक आदर्श संस्थान बन कर उभरेगा। इस संस्थान में रहने वाले साधकों के लिए एक भव्य प्रार्थना भवन का संकल्प लिया गया था। मंदिर के निर्माण का बीड़ा शांता कुमार ने स्वयं उठाया तथा भव्य मंदिर भवन बनाने हेतु धन राशि अपने निजी संसाधनों तथा अन्य सहयोगियों की सहायता से जुटाई। वयोवृद्ध आवासीय केंद्र में भग्वद् भजन एवं ध्यान-मनन हेतु मंदिर की व्यवस्था अपने आप में एक अनूठा प्रयोग है।
श्रीकृष्ण ने भग्वद गीता में भक्ति योग को महत्वपूर्ण स्थान दिया है। निष्काम भक्ति से प्रेरित मन को असीम शांति प्राप्त होती है। अतः विश्रांति में ठहरने वाले साधकों को पूजन भजन के लिए कहीं दूर न जाना पड़े इसीलिए यह व्यवस्था संस्था के भीतर ही कर दी गई है।
इस अवसर पर विवेकानंद ट्रस्ट के अध्यक्ष शांता कुमार ने कहा कि एक ओर विवेकानंद अस्पताल, दूसरी ओर विश्व प्रसिद्ध कायाकल्प, बीच में विश्रांति और विश्रांति में राधाकृष्ण का मंदिर, जीवन की अनुपम दूसरी पारी हंसते-खेलते बिताने हेतु ऐसी आदर्श व्यवस्था कहीं और उपलब्ध नहीं। मंदिर में मूर्ति-स्थापना का कार्यक्रम संक्षिप्त परन्तु गरिमामय आयोजन में पूरा किया गया। वेद-मंत्रों के उच्चारण के साथ विग्रहों में प्राण-प्रतिष्ठा की गई। इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष शांताकुमार ने विशेष रूप पधार कर मूर्ति-स्थापना का कार्य सम्पन्न किया तथा ट्रस्टी विक्रम शर्मा, तीनों संस्थाओं के प्रमुख डा0 आशुतोष गुलेरी, डा0 विमल रॉय दुबे, राकेश कोरला सहित विश्रांति प्रबन्धन बोर्ड के सदस्य नरेश आचार्य, अजय शर्मा सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।