GST काउंसिल के इस फैसले से व्‍यापारी खुश, कैट ने कहा दो साल से कर रहे थे मांग

नई दिल्‍ली. देशभर के छोटे विक्रेता जो ई-कॉमर्स पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हैं अब वे भी ऑनलाइन अपना माल बेच सकेंगे. ई-कॉमर्स के माध्यम से अपना माल बेचने की अनुमति देने के जीएसटी काउन्सिल के निर्णय को एक बड़ा कदम बताते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तारीफ करते हुए धन्यवाद दिया है. कैट ने कहा कि ये एक प्रगतिशील फैसला है जिसकी पिछले दो साल से अधिक समय से मांग की जा रही थी.

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यह निर्णय छोटे व्यापारियों को ई-कॉमर्स के माध्यम से अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए सशक्त बनाएगा और पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया विजन को देशभर में मजबूती प्रदान करेगा. उन्होंने कहा कि देश में 8 करोड़ से अधिक छोटे व्यापारी हैं लेकिन बड़ी संख्या में व्यापारी जीएसटी पंजीकरण के बिना व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं क्योंकि उनकी वार्षिक बिक्री जीएसटी सीमा से बेहद कम है. ऐसे व्यापारी अब ई-कॉमर्स पर व्यापार कर सकेंगे जो कि एक बहुत बड़ी बात है.

भरतिया और खंडेलवाल दोनों ने कहा कि भारत तेजी से ई-कॉमर्स हब के रूप में उभर रहा है और ऑनलाइन कारोबार में जबरदस्त वृद्धि हो रही है. भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय अब कुल खुदरा का लगभग 10 फीसदी और वस्त्र और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कुछ क्षेत्रों का लगभग 25-50 फीसदी है. ऐसे में ये जरूरी था कि छोटे वेंडर जिनका टर्नओवर छोटा है और जीएसटी के दायरे में नहीं आते हैं, वे ऑनलाइन कारोबार करने में सक्षम नहीं थे, जिससे बाजार और व्यापार के अवसरों का भारी नुकसान हो रहा था.

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