सीएसआईआर.आईएचबीटी की अनुसंधान परिषद की टीम ने संस्थान के निदेशक और वैज्ञानिकों के साथ ग्राम टंग-नरवाणा, तहसील धर्मशाला, जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश में फूलों की खेती करने वाले 50 से अधिक प्रगतिशील किसानों व उद्यमियों के साथ मुलाकात की। पूर्व सचिव, डीएआरई और पूर्व महानिदेशक आईसीएआर, अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष, डॉ. त्रिलोचन महापात्रा, सीएसआईआर.आईएचबीटी, निदेशक डॉ. संजय कुमार, डॉ. एस. के. शर्मा, डॉ. अगेपति एस राघवेंद्र, प्रो. उमा रामकृष्णन, डॉ. मीनाक्षी सिंह ने किसानों के साथ बातचीत की। इस दौरान अनुसंधान परिषद की टीम ने सीएसआईआर- फ्लोरीकल्चर मिशन की गतिविधियों की समीक्षा भी की।
सीएसआईआर-फ्लोरीकल्चर मिशन के तहत, रेफ्रिजरेटेड वैन का उद्घाटन, महानिदेशक, सीएसआईआर और सचिव, डीएसआईआर, भारत सरकार डॉ. एन. कलैसेल्वी द्वारा सीएसआईआर-आईएचबीटी में इस साल के नवम्बर माह में ही किया गया था। इसी क्रम में, डॉ. महापात्रा ने पहली बार कार्नेशन और जरबेरा के ताजे फूलों के बक्सों को रेफ्रिजरेटेड वैन के माध्यम से स्थानांतरित करके कूल-चेन आपूर्ति की शुरुआत की। डॉ. महापात्रा ने फूलों की खेती में किसानों के योगदान के लिए सीएसआईआर-आईएचबीटी संस्थान के प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर, संस्थान के निदेशकडॉ. संजय कुमार, ने किसानों को बताया कि कैसे कूल-चेन सुविधा की स्थापना से फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। उनके अनुसार हवाई अड्डों और घरेलू बाजारों सहित व्यापार बिंदुओं पर ताजे कटे फूलों के परिवहन के लिए हितधारकों को रेफ्रिजरेटेड वैन सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। किसानों ने फूलों की खेती के व्यवसाय में अपने अनुभव और सफलता की कहानियों को भी अनुसंधान परिषद की टीम के साथ साझा किया और तकनीकी मार्गदर्शन और गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री की आपूर्ति के माध्यम से उनके आर्थिक उत्थान में सीएसआईआर-फ्लोरीकल्चर मिशन की भूमिका को सराहा। वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. भव्य भार्गव ने सभा को मिशन की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।